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HAMARI AAWAZ: JITNE LOG UTNI ZINDAGI

HAMARI AAWAZ: JITNE LOG UTNI ZINDAGI: लोगों की जुबान में ज़िन्दगी तालिबे इल्म ______जिंदगी इम्तिहान है क्लर्क ______एक चाकरी है गरीब मजदूर _____दुखों का घर है क...

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NAREE BNEE AESE

                                 नारी     बनी      ऐसे                                                                                   आरम्भ में जब त्वष्टा नारी को बनाने लगा तो उसे पता चला क़ि पुरुष के निर्माण  में   वह सारी सामग्री समाप्त कर बैठा है और कोई स्थूल तत्व शेष नहीं रहे ,तो उसने बड़ी सोच विचार के बाद उन किया की चन्द्...

AAKHIR NAARI HI KIYO..................................

आखिर नारी ही क्यों .....................करे त्यौहार ?                                                                      आलेख: मोहम्मद तस्लीम उल हक    यू तो पूरा साल त्योहारों से भरा है / तीन सौ पैसठ दिनों में हम इतने ही त्यौहार  हम मनाते भी हैं / अर्थात हर दिन एक त्यौहार और एक उत्सव / देखा जाय तो इनसे विशेषकर महिलाएं ही जुडी है/ सावन के आते ही पुरे कार्तिक माह तक उत्सवों की श्रृंखला शुरू हो जाता है/   त्योहारों का श्रृंखला:-तीज, नाग पंचमी ,भैया पंचमी, रक्षा बंधन, कृष्ण अष्टमी , राधा अष्टमी,नवरात्र, करवा चौथ , अहोई , अष्टमी,दीपावली,यम  द्वितीया,भैया दूज ,अनंत चतुर्दसी,गणेश चतुर्थी,संकट चतुर्थी,आदि कई त्यौहार है/ ...

JITNE LOG UTNI ZINDAGI

लोगों की जुबान में ज़िन्दगी  तालिबे इल्म ______जिंदगी इम्तिहान है  क्लर्क           ______एक चाकरी है  गरीब मजदूर _____दुखों का घर है  कुत्ता           ______लालच है  दौलतमंद   ______खाना पीना और मर जाना है  फकीर      _______दूसरों के आगे हाथ फ़ैलाने का नाम  पहलवान _______अखारा है  मरीज    ________तकलीफों का घर है  तमाशाई _______एक खेल है  शायर    ________पानी का बुलबुला है  शराबी   ________एक मयकदा है  लुटेरे    ________लुटने का नाम है  बीबी   _________घर सवारने का नाम है  मुसाफिर _______एक सफर है  आशिक  _______इश्क करने का नाम है  मोमिन   _______खुदा से मुहब्बत का नाम है                              मोहम्मद तस्लीम उल हक...