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ज़ूम का बदलेगा नया रूप आ रहा है -ओ कनेक्ट

ओ-कनेक्ट में बदलने का कोई कठिन निर्णय नहीं है स्व-व्याख्यात्मक हालांकि ओ-मीडिया विवरण के लिए आपके पक्ष में है अन्य प्लेटफार्मों के साथ अनुभव की जाने वाली दुविधा को समाप्त करता है फ़ाइलें साझा करना एक स्क्रीन एप्लिकेशन—अपनी उंगलियों पर सब कुछ के साथ एक स्क्रीन पर सब कुछ समेटें कई सुविधाएं ऑडियो के साथ काम करती हैं एआई द्वारा गोपनीयता के लिए सहभागी की इंटरएक्टिव तस्वीर या अवतार प्रतिनिधित्व सभी उपस्थित लोगों को ओ-नेट और ओ-मेल की तरह ही वास्तविक लोगों के रूप में सत्यापित किया गया है एकाधिक थीम और रंग कैलकुलेटर और इसे स्क्रीन के चारों ओर ले जाया जा सकता है सभी सुविधाएं बिल्ट-इन प्रस्तुतकर्ता क्या दिखाता है और सहभागी क्या देखता है, इस बारे में बहुत सारे भ्रम को दूर करता है। कई प्रारूपों के आसान फ़ाइल अपलोड: वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट, URL, आदि। प्रोम्प्टर फीचर जहां होस्ट बिना उपस्थित लोगों को देखे अपनी प्रस्तुति की रूपरेखा तैयार कर सकता है कॉल टू एक्शन फीचर स्क्रीन पर अनाउंसमेंट एरिया भी पृष्ठभूमि संगीत विकल्प थीम विकल्प एक सत्र में उपलब्ध हैं

नगर परिषद के भावी प्रत्याशी हो गए है लापता ? कहते थे हर समय मौजूद ,अब उनका पता ना ठिकाना

नगरीय चुनाव के समय अपने को सुयोग्य,कर्मठ ,संघर्षशील कहने वाले प्रत्याशी गायब हो चुके है। ठीक उसी तरह जिस तरह बरसात में मेढ़क जमीन पर जगह -जगह दिखाई पड़ते है। अपने को सुयोग्य कहने वाले सभी उम्मीदवार नगर से ग़ुम हो चुके है। इनका कहीं अता पता नहीं है। जनता अब कहने लगी है कि मान गए, इन नेताओ की चिकनी चुपड़ी बात। चुनाव में तो लगता है कि वो सच्चे और बहुत ही बड़े समाजसेवी है। हैण्डबिल देखे तो लगेगा कि उनसे बड़ा कोई है ही नहीं जो नगर के लोगो का भला कर सके। चुनाव रद्द होते ही नगर चुनाव में उतरे सभी उम्मीदवार लापता हो गए है। ना नगर की समस्याओ को बेहतर बनाने की फ़िक्र है और ना ही कोई योजना बनाने की चिंता ! अक्सर देखने में आया है कि सभी प्रत्याशी अपने आप को लिखते है -सुयोग्य ,कर्मठ ,संघर्षशील और शिक्षित ,यह केवल ठगने वाला भाषा है। लोगो को छलने का लुभावाना शब्द। नगर की जनता उन सभी प्रत्याशिओं को ढूंढ रही है,जो मैदान में थे। कहीं तो नज़र आ जाये,राशन कार्ड और वोटर लिस्ट से बाहर हुए लोग परेशान है। इनकी खोज खबर करने वाला कहीं नज़र नहीं आ रहा है। लोगो में यह भी चर्चा आम होने लगी है कि आगे आएंगे की नह

आप कितने पानी में है ? अंदाजा लगाए। चुनाव रद्द हुआ है,तो आकलन कीजिए।

बिहार के चुनाव आयोग ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर निकाय चुनाव को रद्द कर दिया। चुनाव मैदान में खड़े उम्मीदवार अपने-अपने दाव की बिसात बिछा चुके थे। मतदाताओं को रिझा चुके थे। मतदान के लिए कुछ ही दिन बचे थे। तब ही चुनाव रद्द हो गया। आगे चुनाव की तिथि फिर आनी है। इस बीच आप अपनी चुनावी जीत हासिल करने में कितने करीब रहे है ? मौका है आकलन कीजिये।

HAMARI AAWAZ: सोनघाटी सभ्यता का योगदान प्राचीन आर्यावर्त में भी ...

HAMARI AAWAZ: सोनघाटी सभ्यता का योगदान प्राचीन आर्यावर्त में भी ... : सोनघाटी सभ्यता का योगदान प्राचीन आर्यावर्त में भी मोहम्मद तस्लीम उल हक बिहार की कैमूर पहार...

पूर्व मंत्री,बिहार सरकार और डिहरी विधायक

HAMARI AAWAZ: JITNE LOG UTNI ZINDAGI

HAMARI AAWAZ: JITNE LOG UTNI ZINDAGI : लोगों की जुबान में ज़िन्दगी तालिबे इल्म ______जिंदगी इम्तिहान है क्लर्क ______एक चाकरी है गरीब मजदूर _____दुखों का घर है क...
सोनघाटी सभ्यता का योगदान प्राचीन आर्यावर्त में भी                                              मोहम्मद तस्लीम उल हक  बिहार की कैमूर पहारी श्रृंखला के क्षेत्र का सोनघाटी  प्राचीन आर्यावर्त अर्थात भारत का समृद्ध सांस्कृतिक अंचल रहा है | आर्यों के भयावार जीवन के ठहराव के बाद वैदिक संस्कृति को अंतिम आकार मिला था |वेद की रिचाओं का स्वरुप भी स्थिर करने का स्थल रहा है | वैदिक काल में यहा अगस्य,वशिष्ट और विश्वामित्र के गुरुकुल चला करती थी | मनु के बाद राजा इक्च्वाकू के समय से वशिष्ठो की नामावली मिलती है | श्रीराम के पैदा लेने से सदियों पहले सत्यव्रत के पुत्र राजा हरिश्चन्द्र के द्वारा रोहतासगढ़ किला का मन्दिर बनाया था | कई धर्म ग्रथों के अनुसार सत्यव्रत के समय विश्वामित्र ने उस समय के देवराज से रिशित्वा या ब्रह्मनत्व पाने के लिए घोर शारीरिक ,मानसिक तप किया और विजय पायी थी | तब वशिष्ट गुरुकुल की मान्यता विश्वामित्र गुरुकुल से अधिक थी | इसी विश्वामित्र मुनि ने वेद के 24 अक्षरों वाली गायत्री की रचना की थी | तत्स्विव्रेंयुम भेर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नह प्रचोदयात | यह गेय मन्त्र था | भगवान श